Ring Pahenne ka Hukm अंगूठी पहनने का हूकुम
अंगूठी पहनने का हूकुम
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بِسْمِ اللهِ الرَّحْمنِ الرَّحِيْم
اَلْحَمْدُ لِلّهِ رَبِّ الْعَالَمِيْن،وَالصَّلاۃ وَالسَّلامُ عَلَی النَّبِیِّ الْکَرِيم وَعَلیٰ آله وَاَصْحَابه اَجْمَعِيْن۔
अंगूठी पहनने का हूकुम
सोने की अंगूठी: हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की वाजेह तालीमात की रौशनी में उलमा का इत्तिफाक है कि सोने की अंगूठी औरतों के लिए पहनना जायज़ है लेकिन मर्द के लिए हराम है जैसा कि मशहूर मुहद्दिस इमाम नववी और हाफिज़ इबनुल बर ने इस मसला में इजमा-ए-उम्मत जिक्र किया है। हाँ इब्तिदा-ए-इस्लाम में मर्द के लिए सोने की अंगूठी पहनना जायज थी इसी वजह से बाज साहाबा-ए-कराम के सोने की अंगूठी पहनने के वाक्यात किताबों में मिलते हैं लेकिन बाद में हराम कर दी गई। गर्जकि पूरी उम्मते मुस्लिमा का इत्तिफाक है कि कयामत तक मर्द के लिए सोने की अंगूठी पहनना जायज़ नही है। हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि मेरी उम्मत की औरतों के लिए सोना और रेशम हलाल है लेकिन मेरी उम्मत के मर्द हजरात के लिए हराम है। (मुसनद अहमद)
चांदी की अंगूठी: सोने की तरह चांदी की अंगूठी पहनना औरतों के लिए जायज है, अलबत्ता मर्द के लिए चंद शरायत के साथ चांदी की अंगूठी पहनना जायज है। हजरत अनस रजी अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जब नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बादशाह रूम को खत लिखने का इरादा फरमाया तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अर्ज किया गया कि अगर आप के खत पर मुहर न हुई तो वह आपका खत नहीं पढ़ेंगे चुनांचे आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने चांदी की एक अंगूठी बनवाई उसपर नक्श था मुहम्मद रसूलुल्लाह। (बुखारी शरीफ) गर्जकि नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपनी मुहर के तौर पर अंगूठी का इस्तिमाल किया है
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